दुनिया अब एक नए दशक में प्रवेश कर गई है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं मिला, जैसे क्या एलियंस (Aliens) होते हैं ? क्या धरती से बाहर भी जीवन है ? एलियंस दिखते कैसे होंगे ? दूसरे ग्रह पर जीवन के ऐसे ना जाने कितने सवाल हैं, हमारे दिमाग में केमिकल लोचा करते रहते हैं। दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक भी इस गुत्थी को सुलझाने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। अब साल 2021 के पहले ही दिन अहमदाबाद में मिले मोनोलिथ ने फिर से हमारा ध्यान इस ओर खींच लिया है।
दुनिया के 30 अलग-अलग शहरों में दिखाई देने के बाद अब मोनोलिथ भारत में भी आ चुका है। यह स्ट्रक्चर अहमदाबाद के थलतेज इलाके में स्थित सिम्फनी पार्क में लगा है। इसे मिस्ट्री मोनोलिथ भी कहा जाता है। मोनोलिथ एक स्टील का स्ट्रक्चर है। इसकी ऊंचाई 6 फीट से ज्यादा है। हालांकि, इसे जमीन में गाड़ने के कोई निशान नहीं दिख रहे हैं। दिलचस्प बात ये हे कि यहां काम करने वाले माली को इसके बारे में कुछ नहीं पता। माली आसाराम बताते हैं कि वो एक साल से यहां काम कर रहे हैं। आसाराम का कहना है कि जब वो यहां से शाम को अपने घर गए तब पार्क में यह स्ट्रक्चर नहीं था। सुबह वापस ड्यूटी पर आए तो ये स्टील का स्ट्रचर यहां पर दिखा। फिर उन्होंने गार्डन मैनेजर को इसकी जानकारी दी। अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह मोनोलिथ कहां से आया।
त्रिकोण स्टील के स्ट्रक्चर के ऊपर कुछ नंबर भी लिखे गए हैं। पार्क में आने वाले लोग इसे काफी उत्सुकता से देख रहे हैं। इसके साथ तस्वीरें भी खिंचवा रहे हैं। इस स्टील के मोनोलिथ के एकदम ऊपर एक सिम्बल भी बना हुआ है। मोनोलिथ को लेकर कई लोग इसे मिस्ट्री स्टोन के नाम से भी जानते हैं। बीते साल ऐसे कई दावे हुए, जिन्हें देखकर लग सकता है कि एलियंस हम से मिलने को बेताब हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद हम ऐसा कोई ठोस सबूत ढूंढने में कामयाब नहीं हुए हैं, जिससे यह दावे के साथ कहा जा सके कि एलियंस होते हैं। हालांकि कई वैज्ञानिकों ने एलियंस के वजूद की ओर इशारा किया।
अमेरिका की कॉरनेल यूनिवर्सिटी (Cornel University) की शोध टीम को दिसंबर महीने में पहली बार हमारे सौरमंडल से बाहर रेडियो सिग्नल मिले। यह ग्रह हमसे करीब 51 प्रकाश वर्ष दूर बताया जा रहा है। इस अध्ययन के मुताबिक ताओ बूट्स ही ऐसा सिस्टम है, जहां से काफी ज्यादा रेडियो सिग्नेचर मिले हैं। बताया जा रहा है कि रेडियो संकेतों की दुनिया में पहली बार सौरमंडल से बाहर कोई ग्रह मिला है। इस ग्रह के पास अपना खुद का सूर्य है और यह गर्म ग्रह जूपिटर जैसा है। शोधकर्ता जेक टी. टर्नर को लगता है कि ये रेडियो संकेत दूसरे ग्रहों और एलियंस की दुनिया से जुड़े कई राज खोल सकते हैं। इजरायल के एक पूर्व स्पेस अधिकारी ने भी अपने दावे में एलियंस के अस्तित्व को माना है। इस देश के स्पेस सिक्योरिटी प्रोग्राम के पूर्व अध्यक्ष हैम एशेद ने कहा था कि वो लंबे समय से हमारे बीच हैं और उन्होंने ‘गेलेक्टिक फेडरेशन’ नाम का अपना संगठन भी बना लिया है। एशेद 1981 से 2010 तक इजरायल सरकार के लिए काम करते रहे हैं।