पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) विपक्ष, अदालत के बाद अब तुर्की की एक कंपनी के निशाने पर आ गए हैं. पुलिस कार्रवाई से नाराज कंपनी ने इमरान सरकार से तुरंत माफी मागने को भी कहा है. दरअसल पिछले मंगलवार को लाहौर पुलिस ने अल्बायर्क एंड ओज्पैक ग्रुप (Albayark & Ozpac Group) कंपनी के ऑफिस पर छापेमारी की थी. कंपनी का आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने कुछ कर्मचारियों को जबरदस्ती हिरासत में लेकर मारपीट की. इसी बात को लेकर विवाद काफी बढ़ गया है. अब तुर्की की कंपनी चाहती है कि सरकार इसके लिए माफी मांगे.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, छापेमारी के बाद अल्बायर्क एंड ओज्पैक ग्रुप (Albayark & Ozpac Group) के प्रोजेक्ट मैनेजर केग्री ओजेल ने इमरान खान (Imran Khan) सरकार को खत लिखकर तुरंत माफी मांगने को कहा है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो कंपनी भविष्य में किसी भी नीलामी में हिस्सा नहीं लेगी. बता दें कि तुर्की की यह कंपनी लाहौर में कचरा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाले हुए है.
कंपनी का आरोप है कि लाहौर के दंगा-रोधी पुलिस बल के जवानों ने अल सुबह उसके छह गेराज पर छापेमारी की. इस दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को कई घंटे सड़क पर खड़ा रखा गया. इतना ही नहीं कुछ कर्मचारियों को जबरन हिरासत में लेकर उनके साथ मारपीट भी की गई. कंपनी का यह भी कहना है कि पुलिस ने कर्मचारियों को उनका कोई सामान नहीं लेने दिया.
जानकारी के अनुसार, तुर्की की इस कंपनी का लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी (LWMC) के साथ विवाद चल रहा है. इस विवाद को सुलझाने के लिए हाल में ही एक बैठक हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की. लिहाजा इस कार्रवाई को आपसी विवाद से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि, वजह चाहे जो भी हो लेकिन इस विवाद ने प्रधानमंत्री की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि उनकी सरकार कंपनी से माफी मांगती है या नहीं.
इस विवाद को लेकर इमरान खान की टेंशन बढ़ना इसलिए भी लाजमी है, क्योंकि अल्बायर्क एंड ओज्पैक ग्रुप को तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) का करीबी बताया जाता है. ऐसे में संभव है कि अपनी कंपनी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एर्दोगन इमरान खान को कड़ी फटकार लगा दें. वैसे भी पूर्व में पाकिस्तान को चीन से इस तरह की फटकार मिल चुकी हैं. पाकिस्तान में मौजूद चीनी कर्मचारियों के साथ यदि कुछ होता है, तो चीन सरकार तुरंत अपनी नाराजगी व्यक्त कर देती है.