अक्सर हम प्यार के ख़ुमार में इतना खो जाते हैं कि एक समय बाद अपने अस्तित्व तक को भूल जाते हैं. पर क्या ख़ुद को खो देना सही होता है? क्या आपकी पसंद और नापसंद की कोई अहमियत नहीं होनी चाहिए? हम भी सच्चे प्यार में यक़ीन रखते हैं, पर ख़ुद को खोने की शर्त पर प्यार करने को किसी भी लिहाज़ से सही नहीं मानते. क्योंकि आप भले ही अपे आप को खोकर प्यार करें, लेकिन एक समय बाद अपने अस्तित्व की तलाश शुरू हो ही जाती है. हमारा मानना है कि ऐसी नौबत ही क्यों आने दें कि अस्तित्व विहीन हो जाएं. आइए जानें, 7 ऐसे तरीक़े जिनकी मदद से आप अपने आप को ज़िंदा रखते हुए रिश्ते को निभा सकती हैं.